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अफगानिस्तान: एक विस्तृत परिचय




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अफगानिस्तान: एक विस्तृत परिचय

भूमिका

अफगानिस्तान दक्षिण-मध्य एशिया में स्थित एक पहाड़ी और स्थलविहीन देश है, जो प्राचीन सभ्यताओं, युद्धों, जनजातीय जीवन, और समकालीन राजनीतिक संघर्षों के लिए जाना जाता है। यह देश ऐतिहासिक रूप से "एशिया का दिल" कहा जाता है क्योंकि यह मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया के चौराहे पर स्थित है।


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1. भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संरचना

अफगानिस्तान की भौगोलिक स्थिति इसे रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है।

स्थान: यह उत्तर में तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान, पूर्व में पाकिस्तान, पश्चिम में ईरान और एक संकीर्ण वाखान कॉरिडोर के माध्यम से चीन से जुड़ा है।

क्षेत्रफल: लगभग 6,52,864 वर्ग किलोमीटर।

भूगोल: अफगानिस्तान का अधिकांश हिस्सा पर्वतीय है। हिन्दूकुश पर्वत श्रेणी देश के केंद्र से होकर गुजरती है।

जलवायु: यहाँ की जलवायु अर्ध-शुष्क से लेकर ठंडी पर्वतीय होती है। गर्मियाँ शुष्क और गर्म होती हैं जबकि सर्दियाँ अत्यंत ठंडी हो सकती हैं।



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2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अफगानिस्तान का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है और यह कई महान साम्राज्यों का हिस्सा रहा है।

प्राचीन काल: आर्य, पर्शियन, यूनानी (एलेक्ज़ेंडर द ग्रेट), मौर्य और कुषाण साम्राज्य यहाँ पनपे।

मध्यकाल: इस्लाम की शुरुआत 7वीं शताब्दी में हुई। ग़ज़नवी, घोरी, मोगल और तैमूरी शासन रहे।

आधुनिक काल:

1747: अहमद शाह दुर्रानी ने आधुनिक अफगानिस्तान की नींव रखी।

19वीं सदी: ब्रिटेन और रूस के बीच "ग्रेट गेम" के दौरान अफगानिस्तान एक बफर स्टेट बना।

1919: तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध के बाद स्वतंत्रता प्राप्त की।




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3. राजनीति और शासन व्यवस्था

सरकार का स्वरूप: पहले लोकतांत्रिक गणराज्य था लेकिन 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अब यह "इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान" कहलाता है।

राजधानी: काबुल

महत्वपूर्ण शहर: कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ, जलालाबाद।

तालिबान शासन (2021): अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने देश पर फिर से नियंत्रण प्राप्त कर लिया। महिलाओं के अधिकारों, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में गंभीर बदलाव हुए हैं।



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4. जनसंख्या और समाज

जनसंख्या: लगभग 4 करोड़ (अनुमानित)

जातीय समूह:

पश्तून (सबसे बड़ा)

ताजिक

हज़ारा

उज़्बेक

बलूच


धर्म: लगभग 99% मुस्लिम (सुन्नी बहुसंख्यक, शिया अल्पसंख्यक)

भाषाएँ: पश्तो और दारी (फारसी का अफगानी रूप)



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5. संस्कृति और परंपराएँ

अफगानिस्तान की संस्कृति में फारसी, मध्य एशियाई और इस्लामी प्रभाव प्रमुख हैं।

वस्त्र: पारंपरिक अफगानी पोशाकें जैसे सलवार कमीज़, पगड़ी, बुर्का आदि।

संगीत: रबाब, तम्बूरा और अन्य पारंपरिक वाद्ययंत्र प्रचलित हैं।

त्योहार:

ईद-उल-फित्र

ईद-उल-अज़हा

नौरोज़ (फारसी नववर्ष)


खेल: बुज़कशी (घोड़ों पर खेला जाने वाला परंपरागत खेल), क्रिकेट, फुटबॉल।



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6. अर्थव्यवस्था

अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था राजनीतिक अस्थिरता और युद्धों के कारण बहुत कमजोर रही है।

प्रमुख उद्योग:

कृषि (गेहूं, अनार, अंगूर, अफीम)

हस्तशिल्प

कालीन बुनाई


खनिज संसाधन: लिथियम, तांबा, सोना, लौह अयस्क।

निर्यात: कालीन, ड्राई फ्रूट, अफीम।

अंतरराष्ट्रीय सहायता: अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा विदेशी सहायता पर निर्भर रहा है।



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7. शिक्षा और स्वास्थ्य

शिक्षा: तालिबान शासन में लड़कियों की उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध है। पुरुषों के लिए धार्मिक शिक्षा पर बल।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हालत और भी खराब है। मातृ और शिशु मृत्यु दर काफी ऊंची है।



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8. महिलाओं की स्थिति

तालिबान शासन के तहत महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय है।

लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध, कामकाजी महिलाओं की संख्या में भारी गिरावट, सार्वजनिक जीवन में भागीदारी प्रतिबंधित।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी आलोचना होती रही है।



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9. सुरक्षा और संघर्ष

आंतरिक संघर्ष: तालिबान, आईएसआईएस-के, और अन्य समूहों के बीच हिंसक संघर्ष।

अंतरराष्ट्रीय सैन्य हस्तक्षेप: 2001 में अमेरिका के नेतृत्व में नाटो ने अल-कायदा और तालिबान के खिलाफ युद्ध छेड़ा।

2021 की वापसी: अमेरिकी सेना की वापसी के साथ तालिबान का पूर्ण अधिग्रहण हुआ।



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10. अंतरराष्ट्रीय संबंध

पड़ोसी देशों से संबंध:

पाकिस्तान: मिश्रित संबंध; तालिबान को समर्थन देने के आरोप।

भारत: अफगान पुनर्निर्माण में भारत की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन तालिबान शासन में सीमित संपर्क।

चीन और रूस: रणनीतिक रूप से संपर्क बढ़ा रहे हैं।


संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठन: अफगानिस्तान में मानवीय सहायता देने वाले प्रमुख संगठन सक्रिय हैं।



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11. मीडिया और संचार

तालिबान शासन के तहत मीडिया की स्वतंत्रता काफी सीमित हुई है।

महिला पत्रकारों और टीवी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध।

सोशल मीडिया पर निगरानी।



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12. अफगान प्रवासी और शरणार्थी

दशकों से युद्ध के कारण लाखों अफगान नागरिकों ने शरण ली है।

प्रमुख शरणदाता देश: पाकिस्तान, ईरान, यूरोपीय देश, अमेरिका।

प्रवासी अफगान शिक्षा, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सफल हैं।



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13. पर्यावरण और जलवायु चुनौतियाँ

जल संकट: नदियों का जलस्तर घट रहा है, सिंचाई में कठिनाई।

वनों की कटाई और रेगिस्तान फैलाव: बढ़ते पर्यावरणीय संकट।

भूकंप क्षेत्र: अफगानिस्तान भूकंपीय क्षेत्र में आता है, जिससे अक्सर तबाही होती है।



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निष्कर्ष

अफगानिस्तान एक अत्यंत जटिल, विविध और संघर्षग्रस्त राष्ट्र है जिसकी ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक संसाधन और सांस्कृतिक धरोहर अत्यंत समृद्ध हैं। हालांकि दशकों से चला आ रहा संघर्ष और अस्थिर राजनीतिक परिदृश्य इसके विकास में बड़ी बाधा बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद और समावेशी राजनीतिक दृष्टिकोण के ज़रिए यह देश एक शांतिपूर्ण भविष्य की ओर बढ़ सकता है।


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