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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस: एक विस्तृत हिंदी ब्लॉग ( शब्दों में)शीर्षक: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस - इतिहास, विचारधारा, नेता और योगदान

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस: एक विस्तृत हिंदी ब्लॉग (
 शब्दों में)
शीर्षक: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस - इतिहास, विचारधारा, नेता और योगदान


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भूमिका

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress - INC) भारत की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक राजनीतिक पार्टी है। यह पार्टी न केवल भारत की स्वतंत्रता संग्राम की अगुवा रही, बल्कि स्वतंत्र भारत के निर्माण में इसकी प्रमुख भूमिका रही है। कांग्रेस ने देश को अनेक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और नेता दिए हैं और आज भी यह भारतीय राजनीति की एक सशक्त आवाज़ बनी हुई है।


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1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन

स्थापना वर्ष: 28 दिसंबर 1885

स्थापना स्थान: गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज, मुंबई

संस्थापक: ए. ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume)

पहला अध्यक्ष: वयोवृद्ध वकील वोमेश चंद्र बनर्जी


कांग्रेस की स्थापना का उद्देश्य शुरू में केवल अंग्रेज़ों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से भारतवासियों की मांगों को प्रस्तुत करना था। लेकिन समय के साथ यह संगठन एक बड़े जनआंदोलन में बदल गया।


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2. स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस की भूमिका

2.1 शुरुआती दौर (1885-1905)

कांग्रेस का रुख नरम था। इसे "मॉडरेट फेज" कहा जाता है।

मांगें: शिक्षा, प्रशासनिक सुधार, भारतीयों को नौकरी में स्थान।

प्रसिद्ध नेता: गोपाल कृष्ण गोखले, दादा भाई नैरोजी, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी


2.2 गरम दल और स्वदेशी आंदोलन (1905-1919)

बंगाल विभाजन के विरोध में कांग्रेस दो भागों में बंटी: नरम दल और गरम दल।

गरम दल नेता: बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल।

"स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" का नारा तिलक ने दिया।


2.3 गांधी युग (1919-1947)

महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने असहयोग, सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो आंदोलन चलाया।

इस दौर में कांग्रेस जन-जन की पार्टी बनी और स्वतंत्रता का पर्याय बन गई।



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3. कांग्रेस का विभाजन और अन्य आंदोलनों से टकराव

1934: सुभाष चंद्र बोस और कांग्रेस के बीच वैचारिक मतभेद।

1939: बोस का कांग्रेस से त्यागपत्र, फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना।

1942: भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा।

1947: कांग्रेस की अगुवाई में भारत को स्वतंत्रता मिली।



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4. स्वतंत्रता के बाद की भूमिका

4.1 प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू

लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव रखी।

पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत।

शिक्षा, विज्ञान, उद्योग में भारी निवेश।


4.2 इंदिरा गांधी का शासन

"गरीबी हटाओ" का नारा।

बैंकों का राष्ट्रीयकरण।

1975 में आपातकाल लागू करना विवादास्पद निर्णय रहा।


4.3 राजीव गांधी का दौर

कंप्यूटर और टेलीफोन युग की शुरुआत।

पंचायती राज में सुधार।

बोफोर्स घोटाले ने छवि को प्रभावित किया।



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5. प्रमुख कांग्रेस नेता

5.1 ऐतिहासिक नेता

महात्मा गांधी

जवाहरलाल नेहरू

सरदार पटेल

मौलाना आज़ाद

लाला लाजपत राय


5.2 आधुनिक नेता

इंदिरा गांधी

राजीव गांधी

सोनिया गांधी

मनमोहन सिंह

राहुल गांधी

प्रियंका गांधी वाड्रा



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6. कांग्रेस की विचारधारा और नीति

धर्मनिरपेक्षता: सभी धर्मों का सम्मान, कोई भेदभाव नहीं।

लोकतंत्र: संविधान और संसदीय प्रणाली में विश्वास।

समाजवाद: सबको समान अवसर, गरीबों के उत्थान की नीति।

राष्ट्रवाद: भारत की अखंडता और एकता।



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7. कांग्रेस सरकार की उपलब्धियाँ

7.1 सामाजिक क्षेत्र में

शिक्षा का अधिकार कानून।

मनरेगा योजना।

महिला सशक्तिकरण योजनाएँ।

आरक्षण प्रणाली का विस्तार।


7.2 आर्थिक क्षेत्र में

राष्ट्रीयकरण (बैंक, बीमा आदि)।

आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत (1991, मनमोहन सिंह)।

उद्योगों और व्यापार में सुधार।


7.3 विदेश नीति में

गुटनिरपेक्ष आंदोलन में अग्रणी भूमिका।

पड़ोसी देशों से शांतिपूर्ण संबंध।

परमाणु समझौते (भारत-अमेरिका)।



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8. कांग्रेस की चुनावी यात्रा

1947-1977: कांग्रेस का एकछत्र राज।

1977: आपातकाल के कारण हार, जनता पार्टी सत्ता में आई।

1980: इंदिरा गांधी की वापसी।

1991: राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस सहानुभूति लहर में जीती।

2004-2014: UPA सरकार (सोनिया गांधी के नेतृत्व में गठबंधन)।

2014 और 2019: भाजपा के हाथों करारी हार।


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9. हालिया चुनौतियाँ और आलोचनाएँ

नेतृत्व संकट: राहुल गांधी की आलोचना, युवा नेतृत्व की कमी।

घोटाले: 2G, CWG, आदर्श हाउसिंग।

राज्यों में घटती लोकप्रियता।

भीतरी कलह: पुराने नेताओं और नए नेतृत्व के बीच सामंजस्य की कमी।



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10. कांग्रेस और विपक्ष की भूमिका

संसद में प्रश्न पूछना, विरोध करना और जनहित के मुद्दों को उठाना।

किसानों के आंदोलन, नोटबंदी, महंगाई, बेरोजगारी पर सरकार को घेरना।

UPA गठबंधन को पुनर्जीवित करने की कोशिश।



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11. कांग्रेस का भविष्य

संगठनात्मक सुधार आवश्यक।

स्थानीय नेताओं को सशक्त बनाना होगा।

युवाओं और सोशल मीडिया को साधना।

भाजपा के राष्ट्रवादी नैरेटिव का वैकल्पिक विचार देना।



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12. कांग्रेस द्वारा शासित प्रमुख राज्य (वर्तमान/हालिया)

राजस्थान

छत्तीसगढ़

हिमाचल प्रदेश

कर्नाटक (कुछ समय तक)

पंजाब (2017-2022)



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13. कांग्रेस की युवा शाखाएं

NSUI (National Students' Union of India): छात्रों के लिए।

Indian Youth Congress: युवाओं के लिए।



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14. कांग्रेस का चुनाव चिन्ह

हाथ का पंजा (हाथ की खुली हथेली)।

यह चिन्ह "सत्य, शक्ति और सेवा" का प्रतीक माना जाता है।



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निष्कर्ष

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के राजनीतिक इतिहास की धुरी रही है। इसकी विरासत, योगदान और बलिदान भुलाए नहीं जा सकते। आज यह पार्टी भले ही संघर्ष के दौर में हो, लेकिन इसमें फिर से उभरने की पूरी क्षमता है। यदि कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करे, जन भावनाओं को समझे और एक सशक्त नेतृत्व सामने लाए, तो भविष्य में यह फिर से एक प्रभावशाली शक्ति बन सकती है।


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