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(Ethanol) – पूर्ण विवरण
1. परिचय
एथेनॉल, जिसे एथिल अल्कोहल (Ethyl Alcohol) भी कहा जाता है, एक पारदर्शी, रंगहीन, हल्की ज्वलनशील और विशिष्ट गंध वाली तरल रासायनिक यौगिक है। इसका रासायनिक सूत्र C₂H₅OH है। यह एक प्रकार का अल्कोहल है जो प्राकृतिक रूप से किण्वन (Fermentation) की प्रक्रिया से प्राप्त किया जा सकता है और औद्योगिक स्तर पर भी बनाया जाता है।
एथेनॉल का प्रयोग ईंधन, औषधि, रासायनिक उद्योग, पेय पदार्थ, इत्र, सेनिटाइज़र और कई अन्य उत्पादों में किया जाता है।
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2. एथेनॉल का रासायनिक सूत्र और संरचना
रासायनिक सूत्र: C₂H₅OH
अणु संरचना: इसमें दो कार्बन (C), छह हाइड्रोजन (H) और एक ऑक्सीजन (O) परमाणु होते हैं।
समूह वर्गीकरण: यह एक प्राथमिक अल्कोहल है।
संरचनात्मक सूत्र: CH₃–CH₂–OH
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3. एथेनॉल का इतिहास
एथेनॉल का उपयोग हजारों सालों से होता आ रहा है, विशेषकर मादक पेय पदार्थ बनाने में।
प्राचीन मिस्र, मेसोपोटामिया, भारत और चीन में लोग अनाज, फलों और गन्ने से बनने वाले पेय पदार्थों में एथेनॉल का इस्तेमाल करते थे।
1800 के दशक में वैज्ञानिकों ने एथेनॉल की संरचना और रासायनिक गुणों को समझना शुरू किया।
औद्योगिक क्रांति के दौरान यह एक महत्वपूर्ण सॉल्वेंट और ईंधन के रूप में उभरा।
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4. एथेनॉल का निर्माण (Production Methods)
(क) प्राकृतिक किण्वन विधि
कच्चा माल: गन्ना, मक्का, गेहूँ, जौ, आलू, फल
प्रक्रिया:
1. शर्करा (Sugar) युक्त पदार्थ का रस निकाला जाता है।
2. इसमें यीस्ट (Saccharomyces cerevisiae) मिलाया जाता है।
3. यीस्ट, शर्करा को एथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में बदल देता है।
4. परिणामस्वरूप प्राप्त तरल को आसवन (Distillation) द्वारा शुद्ध किया जाता है।
(ख) औद्योगिक संश्लेषण विधि
पेट्रोकेमिकल आधारित उत्पादन में एथिलीन (Ethylene) गैस को पानी के साथ प्रतिक्रिया कराई जाती है, जिसे हाइड्रेशन (Hydration) कहते हैं।
उत्प्रेरक: फॉस्फोरिक एसिड (H₃PO₄)
यह विधि तेज, अधिक उत्पादन वाली और सस्ती होती है।
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5. भौतिक गुण
अवस्था: तरल
रंग: रंगहीन
गंध: विशिष्ट मादक गंध
स्वाद: हल्का मीठा
उबालांक (Boiling Point): 78.37°C
गलनांक (Melting Point): −114.1°C
घनत्व (Density): 0.789 g/cm³
विलेयता: पानी में पूर्णतः घुलनशील
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6. रासायनिक गुण
ज्वलनशील: नीली लौ के साथ जलता है।
ऑक्सीकरण: एसिटैल्डिहाइड और फिर एसीटिक एसिड में बदल सकता है।
एस्टरीकरण: एसिड के साथ प्रतिक्रिया कर एस्टर बनाता है।
विषाक्तता: अधिक मात्रा में सेवन से हानिकारक।
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7. एथेनॉल के प्रकार
1. पेय-योग्य एथेनॉल (Beverage Grade) – शराब, बियर, वाइन आदि में।
2. ईंधन ग्रेड एथेनॉल (Fuel Ethanol) – पेट्रोल के साथ मिश्रण।
3. औद्योगिक एथेनॉल – पेंट, वार्निश, केमिकल उत्पादन में।
4. डिनैचर्ड एथेनॉल (Denatured Alcohol) – औद्योगिक उपयोग हेतु, पीने योग्य नहीं।
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8. एथेनॉल के प्रमुख उपयोग
ईंधन: पेट्रोल के साथ मिश्रण कर ‘गैसोल’ या ‘E10, E20’ ईंधन।
पेय पदार्थ: बियर, वाइन, व्हिस्की आदि।
औषधीय: सेनिटाइज़र, टिंचर, दवाओं में सॉल्वेंट।
कॉस्मेटिक: इत्र, डियोडरेंट, स्किन टोनर।
औद्योगिक: पेंट, इंक, प्लास्टिक, विस्फोटक।
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9. भारत में एथेनॉल उत्पादन
भारत में एथेनॉल मुख्यतः गन्ने के शीरे (Molasses) से बनता है।
प्रमुख राज्य: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार।
भारत सरकार ने एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (EBP) शुरू किया है, जिसका लक्ष्य पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण है।
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10. विश्व में एथेनॉल उत्पादन
सबसे बड़े उत्पादक: ब्राज़ील, अमेरिका, चीन, भारत।
ब्राज़ील गन्ने से, अमेरिका मक्का से एथेनॉल बनाता है।
कई देशों में यह ग्रीन एनर्जी के रूप में प्रोत्साहित है।
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11. एथेनॉल के लाभ
नवीकरणीय स्रोत – प्राकृतिक कृषि उपज से बनता है।
ग्रीनहाउस गैस में कमी – पेट्रोल की तुलना में कम प्रदूषण।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा – किसानों को आय का नया स्रोत।
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12. एथेनॉल के नुकसान
खाद्य फसलों की खपत – भोजन की कमी की संभावना।
जल की खपत अधिक – गन्ना/मक्का उत्पादन में पानी की आवश्यकता।
भंडारण और परिवहन जोखिम – ज्वलनशील होने के कारण सुरक्षा उपाय जरूरी।
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13. पर्यावरणीय प्रभाव
सकारात्मक: जीवाश्म ईंधन की खपत में कमी, कार्बन उत्सर्जन घटता है।
नकारात्मक: कृषि भूमि का अधिक उपयोग, जल संसाधनों पर दबाव।
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14. कानूनी और नीतिगत पहल
भारत में एथेनॉल उत्पादन और बिक्री Excise Laws के तहत नियंत्रित।
पेट्रोलियम मंत्रालय और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की संयुक्त जिम्मेदारी।
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15. भविष्य की संभावनाएँ
Bioethanol 2.0 – गैर-खाद्य फसलों, कृषि अपशिष्ट और समुद्री शैवाल से उत्पादन।
भारत का 2025 तक E20 लक्ष्य, पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण।
इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ हाइब्रिड फ्यूल सिस्टम में उपयोग की संभावना।
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एथेनॉल (Ethanol) – पूर्ण विवरण हिंदी में
1. प्रस्तावना
एथेनॉल (Ethanol) एक पारदर्शी, रंगहीन, हल्की ज्वलनशील, और विशिष्ट मादक गंध वाली तरल रासायनिक यौगिक है। इसका रासायनिक सूत्र C₂H₅OH है और यह अल्कोहल वर्ग का एक सदस्य है। यह पेय पदार्थों, औषधियों, ईंधन, रसायनों, और औद्योगिक उत्पादों में व्यापक रूप से प्रयुक्त होता है।
एथेनॉल को सामान्य भाषा में एथिल अल्कोहल भी कहते हैं। यह या तो किण्वन (Fermentation) से प्राकृतिक रूप से या रासायनिक संश्लेषण द्वारा कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है।
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2. एथेनॉल का रासायनिक परिचय
विशेषता विवरण
रासायनिक सूत्र C₂H₅OH
मोलर द्रव्यमान 46.07 g/mol
अवस्था तरल
रंग रंगहीन
गंध हल्की मादक गंध
घनत्व 0.789 g/cm³
उबालांक 78.37°C
गलनांक −114.1°C
विलेयता पानी में पूरी तरह घुलनशील
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3. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
प्राचीन काल – एथेनॉल का इस्तेमाल हजारों वर्ष पहले से पेय पदार्थ बनाने में किया जाता रहा है।
भारत में इतिहास – प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में मद्य का उल्लेख मिलता है, जिसमें किण्वन द्वारा तैयार पेय में एथेनॉल मौजूद होता था।
वैज्ञानिक खोज – 1796 में जोहान टोबियास लोविट्ज़ (Johann Tobias Lowitz) ने एथेनॉल को शुद्ध करने की तकनीक विकसित की।
औद्योगिक उपयोग की शुरुआत – 19वीं शताब्दी में यह सॉल्वेंट और ईंधन के रूप में औद्योगिक क्रांति का हिस्सा बना।
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4. एथेनॉल का उत्पादन
4.1 प्राकृतिक किण्वन विधि
यह सबसे पुरानी और लोकप्रिय विधि है।
प्रक्रिया:
1. कच्चा माल: गन्ने का रस, शीरा (Molasses), मक्का, गेहूँ, जौ, फल।
2. यीस्ट (Saccharomyces cerevisiae) मिलाया जाता है।
3. शर्करा → (यीस्ट) → एथेनॉल + CO₂
4. आसवन (Distillation) द्वारा शुद्धिकरण।
4.2 औद्योगिक संश्लेषण विधि
पेट्रोकेमिकल उद्योग में एथिलीन (C₂H₄) और पानी की हाइड्रेशन प्रतिक्रिया।
उत्प्रेरक: फॉस्फोरिक एसिड।
तेज, बड़े पैमाने पर उत्पादन हेतु उपयुक्त।
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5. एथेनॉल के प्रकार
1. पेय योग्य एथेनॉल – शराब, वाइन, बियर आदि।
2. ईंधन ग्रेड एथेनॉल – पेट्रोल में मिश्रण (E10, E20)।
3. औद्योगिक एथेनॉल – रसायन, पेंट, इंक उत्पादन।
4. डिनैचर्ड एथेनॉल – पीने योग्य नहीं, औद्योगिक उपयोग के लिए।
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6. भौतिक और रासायनिक गुण
ज्वलनशील, नीली लौ के साथ जलता है।
पानी, क्लोरोफॉर्म, एसीटोन में घुलनशील।
ऑक्सीकरण से एसिटैल्डिहाइड और एसीटिक एसिड में परिवर्तन।
एस्टरीकरण प्रतिक्रिया द्वारा एस्टर निर्माण।
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7. एथेनॉल के उपयोग
7.1 ईंधन के रूप में
E10, E20, E85 जैसे मिश्रण।
इंजन नॉक कम करता है, प्रदूषण घटाता है।
ब्राज़ील और अमेरिका में बड़े पैमाने पर उपयोग।
7.2 पेय पदार्थों में
व्हिस्की, रम, वाइन, बियर में मुख्य सक्रिय तत्व।
7.3 औषधीय और स्वास्थ्य क्षेत्र
सेनिटाइज़र (60-70% एथेनॉल प्रभावी)।
औषधियों में सॉल्वेंट।
7.4 औद्योगिक और रासायनिक क्षेत्र
पेंट, वार्निश, परफ्यूम, कॉस्मेटिक।
विस्फोटक, प्लास्टिक, सिंथेटिक फाइबर।
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8. भारत में एथेनॉल उद्योग
उत्पादन का मुख्य स्रोत – गन्ना आधारित शीरा।
प्रमुख राज्य – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार।
एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (EBP) – 2025 तक 20% मिश्रण का लक्ष्य।
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9. विश्व में एथेनॉल
देश मुख्य स्रोत वैश्विक हिस्सेदारी
अमेरिका मक्का ~54%
ब्राज़ील गन्ना ~30%
चीन मक्का, कसावा ~5%
भारत गन्ना, मक्का ~4%
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10. एथेनॉल के लाभ
नवीकरणीय और पर्यावरण हितैषी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
आयातित तेल पर निर्भरता घटाता है।
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11. एथेनॉल की चुनौतियाँ
खाद्य फसलों की खपत बढ़ती है।
जल संसाधनों पर दबाव।
भंडारण और परिवहन जोखिम।
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12. पर्यावरणीय प्रभाव
सकारात्मक – ग्रीनहाउस गैसों में कमी।
नकारात्मक – फसल उत्पादन हेतु भूमि और जल संसाधन अधिक चाहिए।
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13. भविष्य की संभावनाएँ
सेलुलोसिक एथेनॉल – कृषि अपशिष्ट, गैर-खाद्य फसलों से उत्पादन।
समुद्री शैवाल आधारित बायोएथेनॉल।
हाइब्रिड ईंधन तकनीक में वृद्धि।
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